वो सताना तेरा चुपके से मुझे यूँ देखकर ,
अपने दिल की आरज़ू को दबाना याद है
आते देख कभी मेरा अचानक तेरे सामने
तेरी धड़कनो का वो घबराना याद है
तेरे दिल पे लिखा था शायद मेरा नाम
तेरा खामोश लबो से प्यार जताना याद है
मेरा नाम ले ले कर अक्सर तन्हाई मे,
तुम्हारी सखियों का तुम्हे सताना याद है
वो मेरा इज़हारे मोहब्बत पे एक दिन सनम
तेरा बिन कहे शर्माकर चले जाना याद है
1 टिप्पणियाँ:
बहुत बढ़िया...
चुपके चुपके रात दिन, आंसू बहाना याद है..गूँज गई!!
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