मंगलवार, 1 जून 2010

सीने मे बस एक जान होती है .................


कभी सुबह तो कभी शाम होती है,
ये जिंदगी क्यो वक़्त की गुलाम होती है

तुम लाख लगा लो चेहरे पर चेहरा,
पर हर किसी की एक पहचान होती है

लोग कहते है, दिल बदलकर हम जीते हैं,
कौन समझाए,सीने मे बस एक जान होती है

मैं तोड़ भी दूं जंजीरे ज़माने की लेकिन,
बाहर की दुनियाँ भी कहाँ आसान होती है

AKHILESH GUPTA BHIKANGAON IITR

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