तेरी आँखो की हम हर बात समझ लेते हैं,
रूठते हो तो अनकहा ज़ज्बात समझ लेते हैं
तू जो साथ हो तो हर मौसम है बहारो का,
तन्हाई मे हम दिन को भी, रात समझ लेते हैं
टकराता है जब भी कोई हवा का झोंका हमसे,
तुमने हमे याद किया, ये बात समझ लेते हैं
दिल तो रोता है "अखिल", बस तेरे लिए,
जाने क्यों लोग इसे, बरसात समझ लेते है
रूठते हो तो अनकहा ज़ज्बात समझ लेते हैं
तू जो साथ हो तो हर मौसम है बहारो का,
तन्हाई मे हम दिन को भी, रात समझ लेते हैं
टकराता है जब भी कोई हवा का झोंका हमसे,
तुमने हमे याद किया, ये बात समझ लेते हैं
दिल तो रोता है "अखिल", बस तेरे लिए,
जाने क्यों लोग इसे, बरसात समझ लेते है
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