ज़मीन को छोड़ , अब आसमान की बात कर
मुट्ठी भर ही सही, पर खुशी की तलाश कर
ये जिंदगी भी क्या है, बस पानी का बुलबुला है
जब भी किसी से बात कर, प्यार की बात कर
जब दर्द नही होगा तो, खुशी का मज़ा क्या होगा
हार से कभी ना मन को इस तरह उदास कर
तू अकेला नही" अखिल "इस दुनियाँ की भीड़ मे
सोने के पिंजरे मे अब आज़ादी की तलाश कर
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