छूना हो अगर आंसमा तो, सर उठना सीखो,
कितने भी गम हो जिंदगी मे, मुस्कुराना सीखो.
दिल जलाना तो अब, फ़ितरत है लोगो की ,
तुम किसी की बातो मे, ना घर जलाना सीखो.
क्यो फ़िक्र करते हो, तुमने कुछ नही पाया"अखिल"
अपनी मजबूरियो को ताक़त बनाना सीखो.
तकदीर तो बेवफा है, तुम्हे ये कहा ले जाएगी,
अब पत्थरो से अपनी बात मनवाना सीखो.
1 टिप्पणियाँ:
sar uthana hoga..typo error i guess.
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