ना जाने वो दिल मे क्या राज़ छुपाए बैठे हैं
शायद एक खूबसूरत सा अंदाज़ छुपाए बैठे हैं
करीब होते, तो कह देते दिल का हाल सारा
तेरे दीदार की चाहत,अब दिल मे दबाए बैठे हैं
चाँद भी पिघल जाए,उनकी सादगी को देखकर
ये मेरे खुदा तू भी क्या क़ातिल चीज़ बनाए बैठे है
उन्हे शिकायत है की, हमे प्यार नही है उनसे
कौन समझाए, हम भी क्या रोग लगाए बैठे हैं
4 टिप्पणियाँ:
खूबसूरती से लिखे जज़्बात ..
'ना जाने वो दिल में-------अदाएं छुपाए बैठे है '
बहुत सुंदर भाव
बधाई
Bahoot hi sunder nazm
really touching line.........great work
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